Saturday, December 24, 2011

Kisi ke sath ja raha tha vo.
Awaaz aa rahi thi jaise,
Gunguna raha tha vo.
Masti me chalta aise,
Itraa raha tha vo.
... Nazdeek pahunche to,
Tasweer hi badal gayi.
Na chahte huye bhee,
Aankhe machal gayi.
Akela hi tha vo us din,
Ladkhada raha tha vo.
Vo ro raha tha us din,
Ghabra raha tha vo.
Dooor se na pahchaana,
Vo kaun shakhs tha,
Kohra ghana tha us din,
Vo hamara hi aks tha.


काश वो नगमे सुनाये ना होते ,
उनको सुन कर हम उनके करीब आये ना होते .
पता होता इस कदर भूल जाना ही है ,
तो इतनी गहरे से दिल में समाये ना होते ..


उम्र ठहर जाएगी
त्वचा बनी रहेगी मुलायम
और इच्छायें जवान
भर्राएगी नहीं आवाज
आँखें खोएँगी नहीं अपनी चमक
... धड़कनें अपनी होते हुए भी
नहीं रहेंगी अपनी.........



यू तो सीखा हमने भी बहोत इस ज़माने से
बस कमबख्त एक बेरुखी ही ना सिख पाए ...............


बस एक ही गलती वो सारी जिंदगी करते रहे
धुल चेहरे पे थी और शीशा साफ़ करते रहे ..........


मेरी ख़ुशी की मुद्दत इतनी सी है
गुज़र जाती है मेरे मुस्कराने से पहले ...............


अजब हु में नाराज़ हो के भी हँसता हु
लोग चाहते हैं में खफा हु तो खफा ही लगु ..................


शिद्दत -ए -दरद मैं आये ना कमी कोई भी
दरद फिर दरद ही रहा उल्टा लिखा या सीधा .......


खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं ......……..


श्री रामचन्द्र कृपालु
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् .
नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् ..

कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् .
... पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् ..

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् .
रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् .


ऐ हवा उनसे कहना की हम खुश हैं बस उनकी याद सताती है !
उनकी दुरी का कोई गम नहीं मुझे ,बस जरा सी पलकें भीग जाती है!

मिला क्या तुझे ए खुदा ! मेरी हस्ती मिटा के !!
की अब भी तो रहम कर, मेरा खोया आशियाँ लौटा दे !!

प्यार जिन्दगी है,प्यार बंदगी है,
प्यार लम्हा है इंतजार का
प्यार अंत है अत्याचार का,
प्यार वो सवेरा है जिन्दगी के पटल का,
जो जिन्दगी की शामतक ,
... जिन्दगी को खुशहाल बनाये रखता है!
प्यार वो जस्बा है जिसने अंधी दुनिया को,
शांति और समन्वय का मार्ग बताया है,
मिटाया जिसने दुनिया से,
रिवाज़ जात-पात का,
भाव ऊँच-नीच का,
यही वो प्यार है बन्दे ,
जिसने खुदा को पाया है!
तू भी प्यार कर ए इंसान! प्रकृति की नेमतों से
प्यार वो है जो तेरी जिन्दगी बना देगा!!!

हे कृष्ण हे कन्हाई..........

हे कृष्ण हे कन्हाई, मुझे याद तेरी आई
बदरी गम की छाई, दूँ किसकी मैं दुहाई
तेरा नाम है कन्हैया, तारे तू सबकी नैया
बन जाओ तुम खेवैया, अटकी है मेरी नैया
मझधार में पड़ी है, लहरें है तेज़ आई .. हे कृष्ण हे कन्हाई...
नृप क्रोध ब्रज बचाया, गज ग्राह से छुड़ाया
मथूरा में कंस मारा, असुरों को भी संघारा
ऋषियों के कष्ट काटे, बारी हमारी आई... हे कृष्ण हे कन्हाई.....


मैं तुफान हूँ, इसलिये मुश्किलों से अंजान हूँ
मैं हिम्मत हूँ, सोच हूँ, बुलंद हूँ, बेजोड हूँ
मैं हारकर भी जीतने के ज्जबों से भरपूर हूँ
मैं कोशिश हूँ, निरंतर हूँ, इसलिये कामयाब हूँ।।"
___

किस्मत दूसरा मौका नहीं देती ,
दुनिया अनजाने को पनाह नहीं देती ,
जिंदगी से ज्यादा प्यार मत करो ,
क्योकि मौत कभी ""रिश्वत"" नहीं लेती

ज़िन्दगी क्या है ?
ज़िन्दगी ऐसा क्यों है..?
ज़िन्दगी आखिर चाहती क्या है..?
खाली मुट्ठी में आसमां को बंद करने की चाहत जहाँ हमें हर हद को पार करने की ताकत देती है वहीँ जब मुट्ठी भर जाए तो फिर रेत की तरह फिसलते वक़्त को पकड़ने की छटपटाहट भी चैन नहीं लेने देती है और फिर हम भागते हैं , भागते ही जाते हैं बिना ये देखे की हमारे इस दौड़ में हम किसे पीछे छोड़ रहे हैं , कौन हमारे साथ दौड़ते-दौड़ते अपना दम तोड़ रहा हैं , एक लम्बे अन्तराल की खाई में हर रिश्ता गुम होता जा रहा है , हम सब सिमटते जा रहे हैं इस हद तक की हम बौना होते जा रहे हैं..हमारा अस्तित्व मिटते जा रहा है ! सालों -साल हम अपनों से मिल नहीं पाते, अपनों की खबर लिए बिना जीये जा रहे हैं
आखिर हम कहाँ आ गए हैं ?

Tuesday, December 20, 2011

Dil K Qareeb Aa K Jab Wo Door Ho Gaye,
Sare Haseen Khawb Mere Choor Ho Gaye.
Humne Wafa Nibhai To Badnamiyan Mili,
Jo Log Bewafa The Wo Mashhor Ho Gaye.


Ki hai maine bas mohobat iss duniya main,
Meri iss khata ki tu mujhe, khoob saza de..

Duniya chahe lavzon se ghayal kar de, dil mera,
Ek ilteja hai sanam, bas tu na mujhe, bad’dua de..


Hk Chauhan
To be happy with a man,you must
understand him a lot and love him
a little...
To be happy with a woman,you
must love her a lot even if you
don't understand her at all!!


Rulane wale to bht mile..
Aansu pochne wala na mila....
Mere dil ko thi jis ki tamanna
Wo chahane wala na mila....
Yon to duniya girne walon ko
... ... uthane ki baat karti hai...
Jab mein giri to
uthane wala na mila...
Kehty hai ye
PYAR KA JAHAN,
PYAR KI DUNYA HAI...
Jab me ne pyar kiya to nibhane
wala na mila....

किसी ने कहा कि यह याद रखिए कि आपका बोला गया हर शब्‍द एक बीज की तरह है और वह उगेगा अवश्‍य

Dilon mein tum apni
Betaabiyan leke chal rahe ho
Toh zinda ho tum...
Nazar mein khwabon ki
Bijliyan leke chal rahe ho
... Toh zinda ho tum...
Hawa ke jhokon ke jaise
Aazad rehno sikho
Tum ek dariya ke jaise
Lehron mein behna sikho
Har ek lamhe se tum milo
Khole apni bhaayein
Har ek pal ek naya samha
Dekhen yeh nigahaein
Jo apni aankhon mein
Hairaniyan leke chal rahe ho
Toh zinda ho tum...
Dilon mein tum apni
Betaabiyan leke chal rahe ho
Toh zinda ho tum...

-Zindagi Na Milegi Dobara!

Monday, December 12, 2011

याद करूँ बचपन को जब जब बेड़ी लगती पाँव में।
जो कुछ मैंने शहर में देखा वो दिखते हैं गाँव में।।

... घूँघट में सिमटी दुल्हन अब बीते दिन की बात है।
जीन्स पेंट, मोबाइल, टी०वी०, गाड़ी भी सौगात है।
मन की बातें, अपना सुख-दुख बतियाने का समय नहीं,
महिलायें भी काम पे जाती दिन है चाहे रात है।
समाधान सामाजिक अब न होता पीपल छाँव मे।
जो कुछ मैंने शहर में देखा वो दिखते हैं गाँव में।।

लोग सहजता से न मिलते बाजारों की भाषा है।
खुशी के बदले अब चेहरों पर छायी बहुत निराशा है।
विज्ञापन का सहन-सहन पर है प्रभाव बढ़ता जाता,
चाहत एक हुई पूरी तो दूजे की प्रत्याशा है।
चकित सुमन बदलाव देखकर रहा गाँव न ठाँव में।
जो कुछ मैंने शहर में देखा वो दिखते हैं गाँव में।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288



‎'तेरा दर सबसे प्यारा'
-तेरे दर को छोड़ कर किस दर जाओ मै!
-सुनता मेरी कौन है किसे सुनाऊ मै !!
-जब से याद भुलाई तेरी लाखो कष्ट उठाय!
-क्या जानूँ इस जीवन अन्दर कितने पाप कमाए!
... -हूँ शर्मिंदा आपसे क्या बतलाऊँ मै !!तेरे दर को --
-मेरे पाप कर्म ही तुझसे प्रीति न करने देते!
-कभी चाहूं मिलूँ आपसे रोक मुझे वह लेते!
-कैसे स्वामी आपके दर्शनपाऊँ मै!!तेरे दर को--
-है तू नाथ सबका दाता तुझसे ही सब वर पाते!
-ऋषि -मुनि और योगी सारे तेरे ही गुण गाते!
-छीटा दे दो ज्ञान का होश में आऊँ मै!तेरे दर को--
-जो बीती सो बीती लेकिन बाकि उम्र संभालूं !
-चरणों में बैठ आपके गीत प्रेम के गालूँ!
-जीवन भगवन अपना सफल बनाऊं मै!!
-तेरे दर को छोड़ कर किस दर जाऊं मै !



उठ जाग मुसाफिर भोर भई ,
अब रैन कहां जो सोवत है
जो जागत है वो पावत है,
उठ नींद से अखियाँ खोल ज़रा ,
और अपने प्रभु से ध्यान लगा,
... यह प्रीत कारन के रीत नहीं,
प्रभु जागत है तू सोवत है ,
जो आज करना है अब कर ले
जब चिड़ियों ने चुग खेत लिया
फिर पछताए क्या होवत है .
=====
" कैसे अजीब लोग बसते है ,
तेरे शहर में ऐ खुदा ........
शौक ऐ दोस्ती भी रखते है ,
और याद भी नहीं करते "
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Sunday, December 11, 2011

पिता (दोस्त से)- मेरे 4 बच्चे हैं, 3 ने एमबीए किया है और एक चोर है।

दोस्त- जो चोरियां करता है उसे घर से निकाल क्यों नही देते?

पिता- एक वही तो कमा कर लाता है..

Kailash Bagaria

कौन है कितने पानी में, सबको एहसास करा देंगे....
जो ख़ुद को ख़ुदा समझते हैं, उनको हम धूल चटा देंगे...
तुम देखते रहना ऐ ज़ालिम ! इक दिन ऐसा भी आएगा..
हम अपने जिस्म की गरमी से, ज़ंजीरों को पिघला देंगे..............

कारवां तो कोई न था हमारे साथ,ज़िंदगी के सफ़र में अकेले थे हम,
रास्ते में कुछ दोस्त जुड़ते चले थे,आज एक मुकाम पर पलटकर देखता हूँ,
तो वो नामुराद कितने मगरूर थे,हवा में उड़ते हुए मेरे गरूर की,
डोर काटी न थी कभी उन्होंने,हमेशा काटा था कन्नों से उन्होंने |
डोर तो हमेशा दुश्मन ही काटता है,कन्ने से काटकर था समझाया उन्होंने,
बहुत हवा में हमसे मत उड़ो, पतंग उतार कर कन्ने फिर से बाँध लो ......

Arun Garg
क्षमा करो मां भारती हमें,
हम बहुत शर्मिंदा हैं,
तुझको घायल करके वो अभी तक क्यों जिन्दा हैं,
जिन्दा हैं वो सभी दरिन्दे,
घूम रहे है शान से,
... करते रहते खिलवाड़ हमेशा,
जो तुम्हारी आन से.....
सहमा है गणतंत्र हमारा,
तिरंगा है डरा हुआ,
रक्षक ही भक्षक बने है,
स्वाभिमान है मरा हुआ,
********सो मैं भी अब कसाब बनना चाहता हूँ ||***********
वो आतंकवादी है पाकिस्तानी , पर सरकारी दामाद है
मैं सच्चा हिन्दुस्तानी हूँ , पर घर से निकलते ही, आतंकवादी समझा जाता हूँ

वो खून कर के , खुले आम, मौज मना रहा है, सरकार की मेहरबानी से |
मैं अपने ही मुल्क में , सरकार से डर - डर के जीवन बिताता हूँ

बेगुनाहों के खून से रंगे है उसके हाथ , फिर भी मिल रहा है उसे "हाथ" का भरपूर साथ |
यही "हाथ" भारी पड़ा है, मेरे सर पर मेरी जेब पर , मैं बेवजह ही "हाथ" पर मोहर लगाता हूँ

छोटी छोटी बातें करके
बडे कहां हो जाओगे
पतली गलियों से निकलो तो
खुली सडक पर आओगे

------बसीम बरेलबी

मतलब की सब दोस्ती देख लिया सौ बार।
काम बनाकर हो गया, जिगरी दोस्त फ़रार।

रमानाथ अवस्थी

जरा भी जरुरी नहीँ है । समर्पण पर्याप्त है । अपने चित्त को पहचानो । कुछ भी थोपना आवश्यक नहीँ है । चित्त जैसा हो उसी चित्त के सहारे परमात्मा तक पहूंचो ।
परमात्मा तक स्त्रैण चित्त पहूंच जाते हैँ, पुरुष - चित्त पहुंच जाते हैँ । परमात्मा तक तुम जहां हो, वहीँ से पहुंचने का उपाय है; बदलने की कोई जरूरत नहीँ है । और बदलने की झंझट मेँ तुम पड़ना मत, क्योँकि बदल तुम पाओगे न । अगर तुम्हारा चित्त भावपूर्ण है त...ो तुम लाख उपाय करो, तुम उसे संकल्प से न भर पाओगे । अगर तुम्हारा चित्त हृदय से भरा है तो तुम बुद्धि का आयोजन न कर पाओगे । जरूरत भी नहीँ है । ऐसी उलझन मेँ पड़ना भी मत । अन्यथा तुम जो हो, वह भी न रह पाओगे; और तुम जो होना चाहते हो वह तो तुम हो न सकोगे ।गुलाब का फूल गुलाब के फूल की तरह ही चढ़ेगा प्रभु के चरणोँ मेँ । कमल का फूल कमल के फूल की तरह चढ़ेगा । तुम जैसे हो वैसे ही स्वीकार हो । तुम जैसे हो वैसा ही प्रभु ने तुम्हेँ बनाया । तुम जैसे हो वैसा ही प्रभु ने तुम्हेँ चाहा । तुम अन्पथा होने की चेष्टा मेँ विकृत मत हो जाना, क्षत - विक्षत मत हो जाना
अगर तुम्हेँ लगता है कि स्त्रैण-चित्त है तुम्हारे पास - शुभ है, मंगल है । पुरुष-चित्त का कोई अपने -आप मेँ मूल्य नहीँ । हो तो वह भी शुभ है, वह भी मंगल है । परमात्मा ने दो ही तरह के चित्त बनाएः स्त्रैण और पुरुष ; संकल्प और समर्पण । दो ही मार्ग हैँ उस तक जाने के । तुम जहां हो वहीँ से चलो । तुम जैसे हो वैसे ही चलो । प्रभु तुम्हेँ वैसा ही अंगीकार करेगा ।

Friday, December 9, 2011

All power is within you, you can do ,anything and everythibg.believe in that do not believe that you are Weak.You can do any thing and everything ,without even the guidance of any one .Stand up and express the divinity within you…,Within each of you there is the power to remove all wants and all miseries.” Swami Vivekananda

ज़रूरत के मुताबिक ज़िंदगी जिओ, ख़्वाइशों के मुताबिक नहीं...
क्योंकि ज़रूरत तो फ़कीर की भी पूरी हो जाती है और.....
ख़्वाइश बादशाहों की भी पूरी नहीं होती ....


ज़िंदगी जीते रहे शर्तों पे अपनी आज तक
मौत भी देखेगी मेरा हौसला, आने तो दो

Thursday, December 8, 2011

हमें इन्तेजार है
तुम्हारी मुस्कराहट का हमें भी इन्तेजार है
तुम्हे खुश देखने के वास्ते दिल बेकरार है
... तुम्हारी आँख के आंसू कहीं पर्वत न बन जाये
इन्हें अब सूख जाने का हमें भी इन्तेजार है
तुम हंसती हो तो लगता है क़ि मधुमास आ गया
इस हंसी को देखने का फिर हमें अब इन्तेजार है
तुम्हारे दर्द के पीछे कोई तो राज गहरा है
इस राज के खुलने का हमको इन्तेजार है
चली आओ हमारी बाँहों में शायद सकूँ मिले
पुरानी जिंदगी को भूल जाने का हमें अब इन्तेजार है
गुजर जाएंगे काले साये भी रफ्ता रफ्ता
अब उजालों का हमें भी इन्तेजार है .



koi bhi kisi ke liye, naa apana paraaya hai
risshte ke ujaale mein, har aadami saaya hai -2
kudarat ke bhi dekho to, ye khel puraane hain

(No one cares for anyone else. We are all strangers to each other. In the light of relations each man is just a shadow. Isn't this a strange phenomenon of nature.)

hai kaun jo duniya mein, na paap kiya jisane
bin ulajhe kaanton se, hain phool chune kisane -2
be-daag nahi koee, yahaan paapi saare hain

(Who in this world has not commited a sin? If we fear hurt by the thorns we will never pluck the rose. Every one of us has left some sinful stain behind.)

इश्वर गुप्त है अर्थात निर्गुण है परन्तु नाम सर्वज्ञात है उस निर्गुण इश्वरको हम सगुन नामके माध्यमसे ढूंढ़ सकते हैं |

ये कहके मेरे दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गए
तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए /


रात आई राज आई , किरण नही आई ..सुबह कहाँ है ?

"तुमने लिया किसी से और उसको कुछ दिया
"फिर इश्क तो नहीं किया,सौदा किया तुमने
पाए बिना ही दे गए ग़र इश्क किसी को
समझो,तुम्हें बस इश्क ही बस इश्क हुआ है"

गरीबी, मंहगाई, भ्रष्टाचार. अत्याचार और देश की तरक्की

कभी नहीं समझोगे ग़रीबों की ब्यथा और कमरतोड मंहगाई की मार
जो रत है भ्रष्टाचार में और जन आवाज़ उठानेवालो पर करते अत्याचार ,
बनावटी आकडों से मंहगाई और भ्रष्टाचार कभी कम हो नहीं सकता
जहाँ होती आत्महत्याये, बच्चे तरसे दूध को, जब चूल्हा मुश्किल से जलता
और सरकार मुह ताके विदेशी निवेश का, वह देश कभी तरक्की कर नही सकता

Wednesday, December 7, 2011

रखता है यूं ही याद किसी को कोई कहां
यह तो बस अपनी अपनी किस्मत की बात है

ये पतझड़ो की कहानियां, सुना-सुना कर उदास न कर/ नये मौसमों का पता बता, जो
गुजर गया वो गुजर गया।

नहीं है हमारा हाल कुछ तुम्हारे हाल से अलग ।
फर्क सिर्फ इतना है की तुम याद करते हो और हम भूल नहीं पाते ।।

तुम भी कमाल करते हो हमें भूल जाते हो
और कहते हो, हम आपके दिल में रहते हैं ।

भ्रष्टाचारियो की भरमार है,
संसद भी लाचार है.
देश लुट रहा है.
ये कैसी सरकार है,
हमे ही कुछ कदम ऊठाने होंगे
कुछ कडे तेवर दिखाने होंगे.
ऐ मेरे दोस्तों ज़रा नींद से जागो
कुछ कर्तव्य हमें भी निभाने होंगे.
... वरना,
ये देश के काले नेता
ज़मीन बेच देंगे, गगन बेच देंगे,
नदी, नाले, पर्वत, चमन बेच देंगे|
अरे! नौजवानों अभी तुम ना संभले,
ये गद्दार मेरा वतन बेच देंगे।
सदाकत से इनको बिठाया जहाँ पर,
ये वो देश की अंजुमन बेच देंगे....देश को बचाने के लिए हमे अन्ना जी के साथ और जोश से खडा होना पडेगा।जय हिन्द, भारत माता की जय ,