Monday, November 5, 2012

उम्र पूरी हो गई.............

.....उम्र पूरी हो गई


यह सोचते ही सोचते सब उम्र पूरी हो गई।

इंसान की मुस्कान क्यों आधी-अधूरी हो गई।।

देखिए हर भाल पर चिन्ता की रेखा खिंच रहीं।

नफरत के उपवन सिंच रहे और नागफनियॉं खिल रहीं।।

इंसान से इंसान की अब क्यों है दूरी हो गई।

यह सोचते ही सोचते ................................।।

तू चमकती चाँद ...........

तू चमकती चाँद ....... 

तू चमकती चाँद तेरी रौशनी अच्छी लगी !

तू मेरा अपना हैं तेरी दिल्लगी अच्छी लगी !!

तुझ से पहले तो न था जिंदगी का कुछ पता !

तू मिली तो तुझसे मिलकर जिंदगी अच्छी लगी !!


बीते पल की.........

कुछ बीते पल की यादें सजाए रखना !
कुछ आने वाला पल से आरजू लगाये रखना !!
ये पल तो यूँ ही आते - जाते रहेंगे....!
बस होठों पे अपनी मुस्कुराहट बनाए रखना !!

 

महका गया कोई......!! 

दिल की धड़कन को धड़का गया कोई !
मेरे ख्वाबो को महका गया कोई......!!
हम तो अनजाने रास्ते पे चल रहे थे !
अचानक ही प्यार का मतलब सिखा गया कोई !!


दिल के बाज़ार में ............

दिल के बाज़ार में दौलत नहीं देखी  जाती,
प्यार हो जाये तो सूरत नहीं देखी  जाती,
एक साथी पे लुटा दो अपना सब कुछ,
क्योकि पसंद हो चीज तो कीमत नहीं देखी  जाती!

तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं,
तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं,
शामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे ......
वो जिन्दगी भी किसी जहनुम से कम नहीं!

तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके!

पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचती हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछती हैं की ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं