Monday, June 9, 2014

****दास्ताने-ज़िन्दगी****


कह रहा हूँ दास्ताने-ज़िन्दगी।
ग़म-ख़ुशी हैं दरमियाने-ज़िन्दगी।।
मौत की क्यों फ़िक्र वो तो आएगी।
आओ गायें हम तराने-ज़िन्दगी।।
खट्टे-मीठे कितने अनुभव रोज़ ही.
मिलते हैं हमको बहाने-ज़िन्दगी।।
है जहाँ पर प्यार सँग सब्रो-सुकूं।
है वहां पर आशियाने-ज़िन्दगी।।
ख़ुदकुशी को जा रहा था कोई जब।
आ गया कोई बचाने ज़िन्दगी।।
बाँटिये मुस्कान औरों को सदा।
फिर लगेगी मुस्कुराने ज़िन्दगी।।

मिलन के ख्याल
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जब वह शर्मसार होते हैं; तो चहेरे पे गुलाब होते हैं .
आँखों मे शोख़ी,होटों मे मुस्कान;दिल मे तूफ़ान होते हैं .
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जब वह निहारें तिरछी नज़र से;दिल तार-तार होते हैं .
क़सम खुदा की, जन्नत सी नसीब,जब वह मेहरबाँ होते हैं .
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काज़ल भरे मद-मस्त कजरारे नयन; बादल से होते हैं .
कभी पलक झपकाना, कभी मुस्कुराना;अन्दर तूफान होते हैं .
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मिलन की चाह मे ख़ुशियों से दिल तो बे-लगाम होते हैं .
अरमां हरदम तड़पते सीने मे;लब्ज़ लब्बो पे बेजुवां होते हैं .
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इश्क़ छु पाया नहीं जा सकता;अदाओं से खुद बयाँ होते हैं .
इश्क़ मे जुनून इतना;मर-मिट जाने को भी रज़ामन्द होते हैं .
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परवाने को लुभाने शमा का ज़लवा रोशन सिंगार होते है
नसीहत काम न आये,बेचैन दिल मे बिरह से ज़ख्म होते है;
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नादान दिल मे मिलन की फ़ितरत,मुश्किल से रुके होते है .
जज़्बा पत्थर सा;ज़ेहन मे सिर्फ़ उनसे मिलन के ख्याल होते है

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